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गुरुवार, 3 अगस्त 2017

गजल- सरला रानू

गजल- सरला रानू

मुझे जिंदगी का सबब यह मिला है,
न उन्हें कुछ गिला था न हमें कुछ गिला है।
हम रास्ते के कांटें वो गुंचे बहारों के,
सोचती हूँ शायद यही प्यार का सिला है।

दिल जिनके लिए भंवर में फंसा है,
क्या उनका दिल मेरे लिए धङकता नहीं।
वह मुझको गैर समझें या भूल भी जाएं,
मैं कैसे कहूं, दिल उनके लिए तङफता नहीं।।

             - सरला रानू
C-56, 3 floor
वेस्ट नगर नगर
नई दिल्ली-08

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